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Friday, July 28, 2017

प्याज के अनोखे फायदे।

प्याज के अनोखे फायदे। 
प्याज का उपयोग लगभग हर भारत के रसोईयो  में किया जाता है। भोजन के साथ कच्चा प्याज खाना स्वास्थ के लिए फायदेमंद होता है।  हो सकता है आपको इसकी गंध पसंद न हो, लेकिन इसके  गुण जानकर आप भी इसका उपयोग करना प्रारंभ कर देंगे।  प्याज में विटामिन सी, लोहा, गंधक, तांबे आदि पाए जाते हैं। 
आइए जानते हैं कि प्याज के क्या-क्या लाभ हैं और इसका उपयोग किस-किस तरह से किया जाता है। 
प्याज के फायदे एवं उपयोग:-
प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से दमा और खांसी में कमी आती है। 
डायबिटीज के रोगी को हर दिन प्याज खाना चाहिए। 
अगर आपको दांतों से सम्बन्धित कोई समस्या है या पायरिया की शिकायत है, तो प्याज के टुकड़ों को गर्म कीजिए और दांतों के नीचे दबाकर मुंह बंद कर लीजिए।  इस प्रकार 10-15 मिनट में आपके मुंह में लार इकट्ठी हो जाएगी। उसे मुंह में चारों ओर घुमाइए फिर निकाल कर  फेंक दीजिए। दिन में 4-5 बार 10 दिनो तक ऐसा करें, पायरिया खत्म हो जाएगा। 
अगर आपके बाल गिर रहे हों, तो बालों में प्याज का रस लगाना चाहिए।  प्याज का लेप बाल में लगाने से बाल उगने शुरू हो जाते हैं.
प्याज के रस को नारियल तेल के साथ मिलाकर लगाना फायदेमंद रहेगा।  प्याज के रस की ही तरह नारियल तेल के इस्तेमाल से भी बाल जल्दी बढ़ते हैं।  हल्के गर्म नारियल तेल में प्याज का रस मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं।  इससे बाल तो जल्दी बढ़ेंगे ही साथ ही बालों में चमक भी आएगी।
बियर के साथ प्याज का रस मिलाकर लगाना भी काफी फायदेमंद है. सबसे पहले बालों को किसी अच्छे बियर शैंपू से धो लें और उसके बाद बालों में प्याज के रस से मसाज करें. इस उपाय से बालों को बढ़ने में मदद मिलेगी।  साथ ही बालों में चमक भी बनी रहेगी। 
आधा कप सफेद प्याज के रस में गुड़ और पिसी हल्दी मिलाकर सुबह-शाम पीने से पीलिया में फायदा होता है। छोटे प्याज को छीलकर चौकोर काटकर नींबू के रस में भींगा दें, ऊपर से नमक काली मिर्च डाल दें, फिर इसे लें, इससे पीलिया ठीक हो जाता है। 
हैजा हो जाने पर एक प्याला सोडा पानी में एक प्याला प्याज का रस, एक निम्बू का रस, नमक, काली मिर्च और थोड़ा अदरक का रस मिलाकर पीने से फायदा होता है। 
प्याज के रस को पानी में उबालकर पीने से पेशाब संबंधित समस्या खत्म हो जाती है।  अगर पेशाब आना बंद हो जाए तो प्याज 2 चम्मच प्याज का रस और गेहूं का आटा लेकर हलवा बना लें।  इसे गर्म करके पेट पर इसका लेप लगाने से पेशाब की समस्या दूर हो जाती है। 
प्याज से दिल की धमनियों में खून के थक्के नहीं जमते हैं, यह दिल की सुरक्षा करता है। 
प्याज खून को गाढ़ा बनाता है और उसे पतला होने से रोकता है। 
कुत्ता काट लेने पर, काटे हुए स्थान पर प्याज को पीसकर शहद के साथ मिलाकर लगाने से विष का प्रभाव कम हो जाता है। 
एक किलो प्याज के रस में आधा किलो उड़द की काली दाल मिलाकर पीस कर पेस्ट बना लें। इसे सुखाकर एक किलो प्याज के रस में मिलाकर फिर से पीस लें। इस पेस्ट को दस ग्राम मात्रा में लेकर भैंस के दूध में पकाएं और शक्कर डाल कर पी जाएं। इस योग का सेवन तीस दिन तक नियमित सुबह-शाम सेवन करने से कमजोरी दूर होती है और कामेच्छा में बढ़ोतरी होती है। 
मिर्गी, हिस्टीरिया और पाण्डुरोग में भी प्याज फायदेमंद है।
कब्ज की समस्या होने पर भोजन के साथ रोज एक कच्चा प्याज खाएँ 
प्याज का रस सुबह खाली पेट पीने से पथरी अपने आप कटकर यूरीन के रास्ते से बाहर निकल जाती है। 
प्याज कैंसर सेल को बढ़ने से रोकता है। 
प्याज पेट, ब्रेस्ट, और प्रोस्टेट कैंसर से बचाता है। 
नियमित प्याज खाने से सेक्स क्षमता बढ़ती है. पुरुषों के लिए प्याज सेक्स पावर बढ़ाने का सबसे आसान उपाय है
प्याज का रस कनपटी और छाती में लगाने से लू नहीं लगती है। 
भोजन के साथ कच्चा प्याज खाना फायदेमंद होता है। 
कान में दर्द या कान बहने की समस्या होने पर प्याज के रस को हल्का गर्म करके कान में डालने से आराम मिलता है। सरसों के तेल और प्याज के रस को मिलाकर मालिश करने से गठिया और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।




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लस्सी के गुण देखकर रह जाएँगे दंग।

लस्सी के गुण देखकर रह जाएँगे दंग। 
लस्सी पीना आम बात है। पारंपरिक रूप से लस्सी को सिर्फ भोजन के बाद पीया जाता था, लेकिन अब यह 
गर्मियों के  दौरान गर्म धूप का मुकाबला करने के लिए दिन के किसी भी समय पीया जा सकती है। लस्सी का स्वाद ही कुछ ऐसा होता है, इसके नाम सुनकर ही सबके मुंह में पानी आ जाता है। 
यह दही और पानी के साथ जीरा, काला नमक, काली मिर्च, हरा धनिया, हरी मिर्च, हींग और पुदीना जैसे मसालों को डालकर बनाई जाती है।  लस्सी एक अच्छा पेय है और इसके कई अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ भी है।  घर पर बनी ताज़ा लस्सी ही अच्छी होती है  स्टोर से लायी हुई लस्सी पचा पाना मुश्किल होता है और वो हेल्थी भी नहीं होती है। 
गर्मी में लस्सी पीना किसे अच्छा नहीं लगता है। लेकिन बिना समझे-बुझे लस्सी न पिये। पहले ये जान लें कि इसको पीने से क्या लाभ होता है और लस्सी कब और किनको नहीं पीनी चाहिए ! 
तो आइये हम जानते है, हमें लस्सी कब कैसे और किसको पीना चाहिए और इसके पीने से क्या लाभ होता है। 
गर्मियों में बहुत उच्च तापमान के दौरान लस्सी एक अच्छा पेय है जो शरीर की गर्मी को कम करता है, और गर्मी 
को कम रखने के लिए और शरीर को राहत प्रदान करने में मदद मिलती है। 
लस्सी में भुना जीरा, काली मिर्च और काला नमक डालकर पीने से पाचन शक्ति बढ़ती है,और इसको पीने से 
पाचन समस्याओं से तत्काल राहत मिलती है।  
डाइबीटिज़ के मरीज़ को भूलकर भी लस्सी  पिना चहिए हीं पीना बशर्ते कि उसमें चीनी न डाला हुआ हो। वज़न कम करने वाले भी बिना चीनी वाला लस्सी ही पियें तो अच्छा है। लेकिन लस्सी कभी भी रात को न पियें ।
लस्सी पीने से हमारे शरीर में लगभग 30,000 बैक्टेरि‍या बनते है जो पाचन में मदद करते है और हानिकारक वायरस को मारते है । लस्सी प्रोटीन बी कॉम्प्लेक्स, फोलिक एसिड,कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, राइबोफ्लेविनऔर कैल्शियम का एक बढ़िया स्रोत है, इसमें नाम मात्र का फास्फोरस भी होता है। 
लस्सी में लैक्टिक एसिड और विटामिन डी होता है जो बैक्टीरिया और हानिकारक पथोगन्स जो विभिन्न बाहरी भोजन के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते है उनसे लड़ने के लिए मदद करता है. लस्सी में अमीनो और फैटी एसिड तनाव और एनीमिया से बचाते है
एसिडिटी के लिए लस्सी एकदम सही है। लस्सी का एंटी एसिडिटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, भोजन में मसाले से होने वाली जलन और पेट की सूजन को कम करने में लस्सी मदद करती है । यह पेट में एसिड और होने वाली जलन से छुटकारा पाने में मदद करती है । छाछ में करी पत्ता, काली मिर्च और जीरा डालकर पीने से किसी भी तरह की पेट की जलन से छुटकारा मिलता है। 
लस्सी एक प्राकृतिक एंटी एजिंग के रूप में कार्य करता है। लस्सी में लैक्टिक एसिड की एक अच्छी मात्रा होती 
है, और कॉस्मेटिक बिज़नेस द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाती है। यह एक अद्भुत चेहरे का मुखौटा है 
जो चेहरे पर चमक लाता है। ये युवाओं की त्वचा को नरम बनाता है. इसके अलावा लस्सी में लैक्टिक एसिड 
शरीर से टॉक्सिन्स निकालता है। 
लस्सी बालों के लिए कंडीशनर के रूप में कार्य करता है और बालो को नरम बनाता है. लस्सी में विटामिन बी 12 बालों के नुकसान को रोकने और बालों को सफ़ेद होने से रोकने में बहुत प्रभावी है। 

अमरुद दे सकती है इतने फायदे जिसे जानकर आपके होश उर जाएंगे।

अमरुद के बेमिशाल फायदा। 
अमरुद एक ठंडा फल जो सर्दियों के मौसम में बाज़ार में अनेको मात्रा में देखने को मिलता है।  क्या आप जानते हैं कि डेलिशियस अमरूद आपकी हेल्थ और ब्यूटी के लिए बहुत फायदेमंद फल है।
अमरूद हमारे देश का एक प्रमुख फल है।  हल्के हरे रंग का अमरूद खाने में मीठा होता है।  इसके अंदर सौकड़ों संख्या में छोटे-छोटे बीज होते हैं।  अमरूद बेहद आसानी से मिल जाने वाला फल है।  लोग घरों में भी इसका पेड़ लगाते हैं।  पर बेहद सामान्य फल होने के कारण ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं होता है कि ये स्वास्थ्य के लिहाज से कितना फायदेमंद होता है।अगर अमरूद को सुपर फ्रूट कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
अमरूद में मौजूद विटामिन और खनिज शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने में मददगार होते हैं।  साथ ही ये इम्‍यून सिस्‍टम को भी मजबूत बनाता है।  अमरूद खाने की सलाह डॉक्‍टर भी देते हैं।
इसमें विटामिन और मिनरल्स भी होते हैं जो आपकी बॉडी को न्यूट्रीएंट्स एबजार्ब करने में हैल्प करते हैं।
दिल का साथी अमरूद में मौजूद पोटैशियम और मैग्‍नीशियम दिल और मांसपेशियों को दुरुस्‍त रखकर उन्‍हें कई बीमारियों से बचाता है।

इसके अलावा भी इसके कई सरे फायदे है। :-

अमरूद की तासीर ठंडी होती है. ये पेट की बहुत सी बीमारियों को दूर करने का रामबाण इलाज है।
अमरूद को काले नमक के साथ खाने से पाचन संबंधी समस्या दूर हो जाती है। पाचन क्रिया के लिए ये बेहतरीन फल है।
आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो अमरूद का सेवन करना बहुत फायदेमंद होगा।
अगर आपको कब्ज की समस्या है तो सुबह खाली पेट पका हुआ अमरूद खाना फायदेमंद रहता है। अमरूद के सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।  इसके बीजों का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
अगर आपके मुंह से दुर्गंध आती है तो अमरूद की कोमल पत्त‍ियों को चबाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा इसे चबाने से दांतों का दर्द भी कम हो जाता है।
अमरूद में रिच फाइबर कंटेंट और लो ग्लायसेमिक इंडेक्स होने के कारण ये डायबिटीज से बचाता है। लो ग्लायसेमिक इंडेक्स अचानक शुगर लेवल बढ़ने से रोकता है, वहीं फाइबर्स के कारण शुगर अच्छे से रेगुलेट होती रहती है।
अमरूद की पत्त‍ियों को पीसकर उसका पेस्ट बनाकर आंखों के नीचे लगाने से काले घेरे और सूजन कम हो जाती है।
अमरूद प्रोटीन, विटामिन और फाइबर इनटेक से समझौता किए बगैर आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है। अमरूद खाने के बाद पेट भी भर जाता है और कैलोरी इनटेक भी कम होता है। कच्चे अमरूद में केला, एप्पल, ऑरेंज और ग्रेप जैसे दूसरे फलों के मुकाबले काफी कम शुगर होती है
अमरूद में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा होती है जिससे अनेक बीमारियों में फायदा होता है।
अगर किसी को पित्त की समस्या हो जाए तो उसके लिए भी अमरूद का सेवन करना फायदेमंद होता है।
अगर आपके बच्चों के पेट में कीड़े पड़ गए हैं तो अमरूद का सेवन करना उनके लिए फायदेमंद होगा। 

मोटापा कम करने के आसान तरीके

वजन बढ़ने के साथ ही कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें शुरू हो जाती हैं जैसे डायबी‍टीज, ब्लडप्रेशर, हार्ट अटैक, ब्रेन स्टोन, कैंसर, अनिद्रा, जोडों और घुटनों की बीमारियां शुरू हो जाती हैं। मोटापा कम करने के लिए हमे अपने डाइट प्लान को ध्यान में रखना चाहिए। टाइम पर खाना चाहिए,  हर इंसान को प्रतिदिन 2500 प्रति कैलोरी डाइट हर रोज लेनी चाहिए। तभी हमारा शरीर स्वस्‍थ्‍य और छरहरा रहेगा। ज्यादा से ज्यादा पानी पियें।  जंक और फास्ट फूड खाने से बचें। खाने में हरी और पत्तेदार सब्जियों का ज्यादा प्रयोग करें। खाने में सलाद का प्रयोग ज्यादा मात्रा में करना शुरू कर दें। इसके अलावा बढ़ते वजन पर काबू पाने के उपाय बताने जा रहे है। जिसका प्रयोग करके आप अपना वजन कम कर सकते है।



मोटापा कम करने के आसान तरीके -

1, दही का सेवन करने से शरीर की फालतू चर्बी घटती है। मटठे का भी सेवन दिन में दो-तीन बार करें।
जो मोटापे को काम करता है।

2, दो बडे चम्मच मूली के रस शहद में मिलाकर बराबर मात्रा में पानी के साथ रोजाना पिएं, ऐसा करने से माह के बाद मोटापा कम होने लगेगा।

3, व्‍यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए। व्‍यायाम जैसे - साइकलिंग, जॉगिंग, सीढी़ चढ़ना-उतरना, रस्सी कूदना, टहलना, घूमना इस प्रकार के व्यायाम नियमित रूप से करने से वजन आसानी से  घटाया जा सकता है।

4, हर रोज सुबह-सुबह एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच शहद घोलकर मिला कर पी लीजिए। इस घोल को पीने से शरीर से वसा की मात्रा कम होती है। और मोटापा काम होता है।

5, खाने में गेहूं के आटे की चपाती बंद करके जौ और चने के आटे की चपाती लेना शुरू करें। जौ और चने में कार्बोहाइड्रेट पदार्थ होते हैं जो आसानी से पच जाते हैं।

6, नीबूं का रस गुनगुने पानी में निचोड़कर पीयें, इससे भोजन अच्छे से पचता है और शरीर भी हल्का लगता है। शर्दियों में नींबू वाली चाय पिएं तो इससे पेट में गैस नहीं बनती। और चर्बी भी कम होती है।

7, सुबह नाश्ते में अंकुरित अनाज लीजिए। मूंग, चना और सोयाबीन को अंकुरित करके खाने से से उनमें मौजूद पोषक तत्‍वों की मात्रा दोगुनी हो जाती है। जो मोटापा कम करने में लाभपप्रद है।

8, फास्ट फूड, जंक फूड, कचौरी, समोसे, पिज्जा बर्गर खाने से परहेज करे । कोल्ड ड्रिंक न पिएं, क्योंकि कोल्डा ड्रिंक की 500 मिलीलीटर मात्रा में 20 चम्मच शुगर होती है जिससे मोटापा बढ़ता है।

9, सोयाबीन का सेवन कीजिए। इसमें ज्‍यादा मात्रा में प्रोटीन होता है और इसमें पाया जाने वाला आइसोफ्लेवंस नामक प्रोटीन शरीर से चर्बी को बहुत कम करता है।

टमाटर के अनोखे उपयोग।

टमाटर के अनोखे उपयोग। 
हर  घर में टमाटर का प्रयोग सब्जियों के स्वाद को बढ़ने के लिए किया जाता है। टमाटर लाल कलर की होती है ये तो सभी लोग जानते।  परन्तु टमाटर में कई तरह के पौष्टिक तत्व पायें जाते हैंं। जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं। टमाटर हमारे शरीर के लिए कितना लाभकारी होता है, इसके बारे में आप ने अक्सर सुना ही होगा। टमाटर के इतने अधिक फायदे होने के बावजूद भी इसका सेवन हमारे लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। टमाटर का प्रयोग हम सब्जी बनाने से लेकर, सलाद में, सूप के तौर पर, चटनी के रूप में और यहां तक की ब्यूटी प्रोडक्ट के रूप में भी इसे इस्तेमाल करते है। 
भारत में टमाटर का सूप बड़े ही चाव से पिया जाता है। सर्दियों के मौसम में इसकी मांग बढ़ जाती है। यह एक ऐसा सूप है जिसे हर कोई असानी से बना सकता है। यह सूप सस्ती होने के साथ-साथ आपके सेहत को भी बेहतर बना सकती है। जिन लोगों की हड्डियां कमजोर है या जिन्हें ह्र्दय संबंधित रोग है उन्हें टमाटर का सूप पीना चाहिए। अगर आप नियमित रूप से टमाटर का सूप पीते हैं तो यह रक्त वाहिकाओं को दुरुस्त करता है और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मधुमेह और कैंसर के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है। यहां तक जिन लोगों को अपना वजन कम करना है उन्हें भी टमाटर का सूप लगातार पीते रहना चाहिए।
आइये हम जानते है टमाटर खाने के क्या-क्या लाभ या हानि होती है। 
टमाटर में विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।  साथ ही इसमें कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले तत्व भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। जिन लोगों को वजन कम करना है उनके लिए भी ये काफी फायदेमंद है लेकिन टमाटर की सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि टमाटर को पकाने के बाद भी उसके पोषक तत्व बने रहते हैं
टमाटर का सेवन करने से हम कई तरह की बीमारियों से निदान पा सकते हैं। इसका सेवन हम कैंसर से बचाव के लिए, दिल से जुडी हुई कई तरह की समस्याओँ के लिए, खून को साफ़ करने के लिए, शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालने के लिए, अपनी आँखों की रोशनी को ठीक रखने के लिए इसका सेवन बहुत ही लाभकारी होता है। 
 ध्यान रखें तेज खांसी, दस्त और पथरी के रोगी को टमाटर नहीं खाना चाहिए। साथ शरीर में सूजन और मांसपेशियों में दर्द हो तो टमाटर का सेवन ना करें। टमाटर का अधिक सेवन करने से गैस जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।टमाटर में अधिक मात्रा में अम्लीय होने के कारण इसके अधिक इस्तेमाल से एसिडिटी का सामना करना पड़ सकता है और इससे सीने में जलन की शिकायत भी हो सकती है।

इसके अलावा भी इसके कई गुन है। 
सुबह-सुबह बिना पानी पिए पका टमाटर खाना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। 
बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद होता है। 
अगर पेट में कीड़े हो जाएं तो सुबह खाली पेट टमाटर में काली मिर्च मिलाकर खाने से फायदा होता है। 
अगर बच्चे को सूखा रोग हो जाए तो उसे प्रतिदिन एक गिलास टमाटर का जूस पिलाने से बीमारी में आराम मिलता है। 
टमाटर के नियमित सेवन से डायबिटीज में फायदा होता है।  इससे आंखों की रौशनी बढ़ती है, साथ ही कई तरह की स्किन से जुड़ी समस्याओं में भी ये असरदार है। 
गठिया के रोग में भी टमाटर बहुत फायदेमंद है।  प्रतिदिन टमाटर के जूस में अजवायन मिलाकर खाने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है। 
गर्भावस्था में टमाटर का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है; इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है, जो गभर्वती के लिए काफी अच्छा होता है। 

कच्चे टमाटर / पका हुआ टमाटर का सेवन अधिक न करे। 
टमाटर का अधिक सेवन करने से हमें गैस और पेट दर्द का सामना भी करना पड़ सकता है, क्योंकि इसमे अधिक मात्रा में एसिड पाया जाता है। जिसके कारण यह एसिडिटी की वजह बन जाता है।
टमाटर में कैरोटीनॉयड होता है, जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। जब हम कच्चे टमाटर का अधिक सेवन करते हैं, तो इससे हमारे इम्यून सिस्टम पर बहुत ही गहरा असर पड़ता है।
टमाटर में लाइकोपिन होने के कारण यह शरीर में एलर्जी पैदा कर सकता है।
जब आप टमाटर का अधिक सेवन करते हो तो आप के शरीर से दुर्गन्ध आने लगती है, क्योंकि टमाटर में टरपिंस नामक तत्व पाया जाता है। यह तत्व पाचन क्रिया के दौरान भी नहीं टूटता इसके कारण यह पसीने की दुर्गन्ध की वजह बन जाता है ।
टमाटर के बीज का सेवन करने से हमें बहुत ही नुकसान होता है, इसलिए आप जब भी टमाटर के सलाद का सेवन कर रहे होते है, तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कही आप टमाटर के बीज का सेवन तो नहीं कर रहे। टमाटर के बीज आसानी से नहीं पच पाते, जिसके कारण हमें पथरी का सामना भी करना पड़ सकता है।

अनार के फायदे एवं नुकसान।

अनार के फायदे एवं नुकसान। 
हम सभी जानते है की अनार एक ऐसा फल है, जो साल भर मिलता रहता है। और यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद पहुँचता है। अनार का जूस काफी फायदेमंद होता है, और लोग इसे काफी पसंद भी करते हैं। अनार काफी पौष्टिक और उपयोगी है। आइए जानते हैं कि अनार के क्या-क्या फायदे हैं और इसका उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है।

अनार के फायदे और उपयोग :-

खून बढ़ाने के लिए सबसे पाहले डॉक्टर अनार खाने का ही सलाह देते है। इससे हमारे शरीर में रक्त बनता है। एनीमिक मरीजों के लिए अनार सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।
यदि आप अनार का सेवन नियमित रूप से करते है तो ये आपकी याददाश्त  सम्बन्धित समस्याओ में काफी हद तक लाभ पहुँचता है।
अनार के जूस में फ्रुक्टोज होता है जिससे रक्त का शुगर लेवल नहीं बढ़ता है। अन्य फ्रूट का जूस लोगो को कम खाने की सलाह दी जाती है, परन्तु आप अनार का जूस ले सकते है।
अनार का रस रक्त के दबावों को बनाये रखता है जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
यह हड्डियों को मजबूत बनाता है तथा जोड़े के दर्द को भी कम करने में लाभदायक है।
यदि आप नियमित रूप से अनार खाते है, तो ये आपके शरीर की चर्बी  को नहीं बढ़ने देता है।
पेट लिवर और ह्रदय की गतिविधियों को नियंत्रित रखने में अनार का जूस काफी मदद पहुँचता है। इससे भूख बढ़ती है और प्यास कम लगती है। यदि आपका जी मचलता है तो आप अनार का जूस अवश्य पिए।
दस्तो को दूर करने में यह काफी असरदार है। दस्त से परेशान हुए लोगो को अनार का जूस दे। इससे जल्द ही राहत मिलती है।
अनार शरीर में खून के थक्के नहीं बनने देता है। यह शरीर में रक्त के बहाव को सामान्य रखने में मदद करता है।
अनार का जूस प्रोस्ट्रेट कैंसर से लड़ने में मदद करता है। गठिया के रोगी के लिए भी यह फायदेमंद है।
अनार खून में ओक्सिजन की मात्रा बढ़ाता है। तथा यह आपको समय से पहले बूढ़ा नहीं दिखने देता है।
गर्भवती महिला को हर दिन अनार का जूस पीना चाहिए। क्यूंकिअनार में विटामिन और मिनरल के साथ-साथ फ़्लोरिक एसिड पाया जाता है जो भ्रूण के लिए एक अच्छा भोजन है। यह भ्रूण को सुरक्षा करता है साथ ही ब्लड फ्लो को नियंत्रित करता है। इससे बच्चे के कम वजन जैसी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अनार में पोटेशियम की मात्रा होती है, जो महिलाओ को होने वाले पैर के दर्द से राहत दिलाता है।
अनार ब्रेस्ट कैंसर और फेफड़ो के कैंसर को रोकने में भी अहम भूमिका निभाता है।
गर्मियों में अनार को अपने आहार में जरुर शामिल करना चाहिए। अनार का सेवन दांतों से सम्बन्धित समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसका दैनिक सेवन सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में मदद करता है।
अनार त्वचा की नमी बरकरार रखने में मदद करता है। यह हमें कील मुहासों से बचाता है।
इसके सेवन से त्वचा पर सूर्य की किरणों का नकारात्मक असर नहीं पड़ता है।

अनार किन लोगो को नहीं खाना चाहिए।:-

अनार का रस का सेवन खाँसी, इन्फ्लुएंजा, शुगर तथा कब्ज से पीड़ित लोग न करे।
अनार के रस का सेवन मेडिसिन के साथ न करे ये काफी नुकसान पंहुचा सकता है।
जिन लोगो को किसी भी तरह की एलर्जी है,तो अनार का जूस न ले क्युकि ये आपके एलर्जी को बढ़ा सकता है।

हरी मिर्च के अनोखे गुण।

हरी मिर्च के अनोखे गुण। 
ज्यादातर घरो में भोजन को तीखा बनाने के लिए हरी मिर्च का प्रयोग किया जाता है, परन्तु कई घरो में लाल मिर्च का भी प्रयोग किया जाता है। हरी मिर्च स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी गुणों का खजाना है। यह आपके स्वास्थ्य को कई तरह से बेहतर बनाए रखने में मदद करती है। अगर आप इसके बारे में नहीं जानते हैं, तो इस पोस्ट को अवश्य पढ़े।
हरी मिर्च का प्रयोग हमलोग कई तरह से करते है। जैसे :-शलादो के साथ, चटनी बनाकर, सब्जी में डालकर इत्यादि। छोटी सी हरी मिर्च स्वास्थ्य के लिए कितने पोषक तत्वों को पूरा करता है, शायद हममें से सभी यह नहीं जानते होंगे।
आइये हम जानते है इसके गुणों के बारे में :-
हरी मिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी6 और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनके अलावा, सोडियम, पोटेशियम और डाइटरी फाइबर भी इसमें मौजूद होते हैं। यहाँ तक कि हरी मिर्च में आयरन भी मौजूद होता है। यह एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट भी है।  यानी यदि आप हरी मिर्च को अपने खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए खा रहें हैं, तो आप अनजाने  में ही अपनी सेहत को बहुत से फायदे पहुंचा रहें हैं।  
लेकिन हाल में हुए कई शोध इस बात का दावा करते हैं कि हरी मिर्च खाने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
हरी मिर्च में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होता है।  विटामिन सी दूसरे विटामिन्स को शरीर में भली प्रकार अवशोषित होने में मदद करता है।
हरी मिर्च का सेवन पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है और यह हाजमे को दुरुस्त रखती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जब हम हरी मिर्च खाते हैं, तो मुंह में लार (स्लाइवा) का निर्माण ज्यादा होता है और यही लार खाने को पचाने में मदद करती है।
हरी मिर्च में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है और इसलिए यह शरीर की रोगों से लड़में में मदद करती है।
हरी मिर्च कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होती है।
हरी मिर्च को खाने के बाद शरीर में एक हार्मोन एंडोर्फिन का निर्माण होता है, और यह हार्मोन ‘फ़ील गुड़ हॉर्मोन’ के नाम से भी जाना जाता है। यानी यह हमारे मूड को भी अच्छा कर देती है।
शरीर को संक्रमण से बचाती है यहाँ तक कि इसके एंटीऑक्सीडेंट होने से यह कैंसर जैसी बिमारी को होने से भी रोकती है
शरीर में रक्त के थक्के बनने से रोकती है
चयापचय को बढ़ाती है और कैलोरी को जलाने में शरीर की मदद करती है।
हरी मिर्च, हड्डियों और दांतों के लिए भी फायदेमंद है और यह हमारे शरीर के टूटे फूटे उत्तकों की भी मरम्मत करने का भी कार्य करती है।
हरी मिर्च में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा और ख़ूबसूरती से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद है। यह बढ़ती उम्र के प्रभावों को रोकने, रंग निखारने और झुर्रियों को कम करने में भी फायदेमंद है।
इसके अलावा भी इसके कई गुण है।
रक्तचाप को नियंत्रित करने में हरी मिर्च काफी फयदेमंद होती है। मधुमेह होने की स्थिति में भी हरी मिर्च में रक्तचाप का स्तर नियंत्रित रखने के गुण होते हैं।
हरी मिर्च का सेवन पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है और यह हाजमे को दुरुस्त रखती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जब हम हरी मिर्च खाते हैं, तो मुंह में लार (स्लाइवा) का निर्माण ज्यादा होता है और यही लार खाने को पचाने में मदद करती है।
हरी मिर्च ,पूछ समेत एक गलास पानी में  रात को भिगो  कर रखे और सुबहे ख़ाली पेट मिर्च  को निकाल कर पानी पीये इस विधि का एक हफ्ते  तक प्रयोग  करे ऐसा करने से सुगर  कन्ट्रोल में आ जाती है अगर फरक नहीं लगता तो 4 हप्ते तक इस पानी का सेवन करे।
विटामिन ए से भरपूर हरी मिर्च आंखों और त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद है।
हरी मिर्च मै बहत सारे विटामिन पाए जाते है जो स्किन के लिए फायदेमंद होते है अगर आप तीखा खाते है तो आपकी तवचा मै निखार आ जाता है लेकिन इतना तीखा भी नहीं खाना चहिये के आप को नुकसान हो |
हरी मिर्च खाना जल्दी पचा देती है। साथ ही, शरीर के पाचन तंत्र में भी सुधार कर देती है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसीलिए यह कब्ज दूर करती है।
शरीर में रक्त के थक्के बनने से रोकती है।
हरी मिर्च में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जिसकी वजह से शरीर बैक्टीरिया-फ्री रहता है और यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में भी मदद करता है। 

दंग करने वाले खरबूज के फायदे।

दंग करने वाले खरबूज के फायदे। 
गर्मियों में तरबूजे की तरह खरबूजे हर तरफ दिखाई देते है। स्वाद, ठंडक और पोषक तत्वों से भरपूर खरबूजे में 95 फीसदी मिनरल्स होता है। देश के कुछ राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश की रेतीली भूमि में खरबूजे की खेती अधिक होती है।खरबूजे आपके शरीर में पानी की कमी को दूर करता है और आपको हमेशा तरोताजा रखता है। जलवायु और भूमि के कारण खरबूजों के रंग, आकार और स्वाद में परिवर्तन हो सकता है। खरबूजे की कई किस्में बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है।
सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मददगार खरबूजा न केवल विटामिन का अच्छा स्रोत है बल्कि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण भी पाए जाते हैं जो ह्र्दय और मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने में लाभदायक है।
विटामिन A और बीटा कैरोटीन से युक्त खरबूजा, आँखों की रौशनी को घटने से रोकता है, आँखों को स्वस्थ रखता है और मोतियाबिंद होने से रोकता है।
खरबूजे को डायबिटीज में भी फायदेमंद पाया गया है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर डायबिटीज के स्तर को सामान्य बनाता है।
खरबूजा, यूटीआई में भी फायदेमंद होता है। यहाँ तक कि यूरिनरी ट्रैक्ट जैसी समस्या में, इसे खाने की सलाह भी दी जाती है। यूरिनरी इंफेकशन के अलावा, यह ब्लैडर इंफेकशन (मूत्राशय संक्रमण) में भी फायदेमंद होता है।
खरबूजे का सेवन उन लोगों के लिए भी बेहतर होता हैं, जिन्हें कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है।
खरबूजा गुर्दे की पथरी समेत गुर्दे में होने वाली अनेकों समस्याओं में भी फायदेमंद होता है। खरबूजे के रस, जिसे ऑक्सीकिन कहा जाता है, को गुर्दों की समस्याओं और पथरी में फायदेमंद पाया गया है। यह किडनी की सफाई कर उससे विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देता है।
यह हमारे शरीर की रोग प्रति रोधक क्षमता को बढ़ाता है। खरबूजे में निहित विटामिन C शरीर की रोग-प्रति रोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे रोगों और संक्रमणों से लड़ने के लिए मजूबती प्रदान करता है। साथ ही इससे सफ़ेद रक्त कणिकाओं का निर्माण भी होता है और सफ़ेद रक्त कणिकाएं शरीर को संक्रमण के प्रभाव से बचाती हैं। और तो और यह शरीर में कैंसर को पनपने से भी रोकता है।

इसके अलावा भी इसके कई सरे गुण है।

खरबूजा अल्सर जैसी समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है।
कब्ज जैसी समस्या को दूर करने में मदद करता  है।
खरबूजे में पाये जाने वाले डाइटरी फाइबर्स रोगी को कब्ज की समस्या से निजात दिलाते हैं।
प्रोटीन की अधिकता के कारण यह हड्डियों, बालों और नाखूनों के लिए भी फायदेमंद होता है।
खरबूजा गर्भवती महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसमें निहित फोलेट शरीर से अधिक मात्रा में सोडियम को बाहर जाने से रोकता है।
शरीर में पानी कमी होने से बचाता है और हाड्रेट रखता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पानी बहुतायत में होता है, और यही पानी शरीर को अधिक गर्मी से राहत देकर उसे ठंडक और ताजगी प्रदान करता है।
खरबूजा तनाव रोधी का भी कार्य करता है।
खरबूजे के कुछ टुकड़ों को पानी के साथ उबालकर उससे कुल्ला करने से दांतों के दर्द में राहत मिलती है।
खरबूजा खाने से शरीर में ऑक्सीजन का बहाव तेज होता हैं और इससे मस्तिष्क को कार्य करने और तनाव से लड़ने की भरपूर क्षमता मिलती है।

किसे नहीं खाना चहिए :-
हैजे के प्रकोप में खरबूजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कफ विकृति के रोगियों को भी खरबूजे का सेवन नहीं करना चाहिए।
खरबूजा सुबह खाली पेट नहीं खाना चाहिए। खाली पेट खरबूजा खाने से उदर में पित्त विकारों की उत्पत्ति होती है।
खरबूजा खाने के बाद तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए। पानी पीने से वमन और हैजे की आशंका रहती है।     अस्थमा रोगियों, शरीर में शोथ, आमवात से पीड़ित स्त्री-पुरूषों को भी खरबूजा हानि पहुंचाता है।
अधिक खांसी और जुकाम से पीड़ित रहने वालों को खरबूजे का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए

मेटाबॉलिज्म के स्तर को नियंत्रित करने में फायदेमंद है यह घरेलु नुस्खा


मेटाबॉलिज्म के स्तर को नियंत्रित करने में फायदेमंद है यह घरेलु नुस्खा। 

किशमिश एक ड्राई फ्रूट है इसे लोग स्वाद के लिए खाते हैं। लेकिन इसके कई हेल्थ बेनीफिट्स भी होते हैं। किशमिश विटामिन्स, मिनरल्स और एनर्जी का भंडार है। इसमें काफी अधिक मात्रा में आयरन, पोटैशियम, विटामिन और एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ उसे ताकत भी देते हैं। हर रोज सुबह भूखे पेट किशमिश का सेवन हम कई सारी बीमारियों से बचाता है।
किशमिश में पॉलीफेनिक फायटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। इसे पानी में भिगोकर रखने तथा उसका पानी पीन से किशमिश की एंटी बैक्टीरियल खासियत सर्दी-जुकाम और बुखार से बचाती है।

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किशमिश में विटामिन A, बीटा केरोटीन और आंखों के लिए फायदेमंद फायटोन्यूट्रिएंट्स भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। किशमिश खाने से आंखों की कमजोरी दूर होती हैं और रोशनी तेज होती हैं।
इसमें फ्लेवेनॉइड्स एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो त्वचा पर होने वाली झुर्रियों को तेजी से कम करने में सहायक है। यह बढ़ती उम्र के निशान को कम कर आपको जवां दिखने में मदद करता है।
किशमिश पानी में फूलकर लेक्सेटिव (दस्तावर औषधि) बन जाती है। रोज रात को एक कप पानी उबालकर उसमें मुट्ठी भर किशमिश भिगो दें। सुबह भूखे पेट इस पानी को पी लें तथा किशमिश को चबाकर खा जाएं। इससे पेट की सफाई होती हैं, भूख तेज लगती है। इसके साथ ही पेट, आंत व जननांग संबंधी सभी बीमारियों से बचाव होता है।
किशमिश में विटामिन A, बीटा केरोटीन और आंखों के लिए फायदेमंद फायटोन्यूट्रिएंट्स भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। किशमिश खाने से आंखों की कमजोरी दूर होती हैं और रोशनी तेज होती हैं।
प्रतिदिन किशमिश के पानी का सेवन करना आपके लिवर को स्वस्थ्य बनाए रखने और उसे सुचारू रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित करने का काम भी करता है।
किशमिश में अन्य मिनरल्स के साथ-साथ कैल्किशम भी प्रचुर मात्रा में होता है। इससे शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं। आर्थराइटिस और गठिया से भी बचाव होता है। इसके अलावा किशमिश का उबला पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा होकर फैट खत्म होता है, जिससे शरीर का वजन घटता है।
किशमिश में फायबर होता है। इसे खाने से पेट की एसिडिटी, कब्ज तथा गैस्ट्रिक प्रॉब्लम भी खत्म हो जाती है। पेट की आंत व अन्य समस्याएं भी धीरे-धीरे इस उपाय से दूर हो जाती हैं।
कब्ज या पाचन संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए किशमिश का पानी बेहद लाभदायक पेय है। यह पाचन को बेहतर बनाता है और अमाशय रस को बनने में मदद करता है।
साथ ही आपके मेटाबॉलिज्म के स्तर को नियंत्रित करने में भी फायदेमंद साबित होता है।
किशमिश का पानी प्रतिदिन पीना उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो अधिक कोलेस्ट्रॉल लेवल के कारण स्वास्थ्य समस्या का सामना करते हैं। यह आपके शरीर में ट्राईग्लिसेराइड्स के स्तर को कम करने में मददगार।
रोजाना सुबह के समय किशमिश के पानी को पीना आपको कई तरह के फायदे देता है। कुछ दिनों तक इसका नियमित सेवन कीजिए और कब्ज, एसिडिटी और थकान से बिल्कुल निजात पाइए। जी, हां यकीन न हो, तो आजमाकर देख.
किशमिश में स्किन तथा बालों के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट्स, मिनरल्स तथा एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं। रोज सुबह भूखे पेट किशमिश का पानी पीने से किशमिश में मौजूद विटामिन B, पोटैशियम तथा एंटी-ऑक्सीडेंट्स स्किन तथा बालों को मॉइश्चराइज कर डैमेज रिपेयर करते हैं। इससे स्किन हेल्दी, सॉफ्ट बनती है और बाल भी खूबसूरत, चमकदार और हेल्दी दिखाई देते हैं।


दंग रह जाएँगे दही के फायदे सुनकर।

 दंग रह जाएँगे दही के फायदे सुनकर। 
कहा जाता है शुभ काम की शुरुआत दही खाकर करना चाहिए। दही खाकर किया गया काम में सफलता मिलती है। दही को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
दूध से बनने वाले दही का उपयोग खाने में हजारों सालों से हो रहा है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने वाले कैल्शियम की मात्रा दूध की अपेक्षा दही में 18 गुणा ज्यादा होती है।
इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की तुलना में जल्दी पच जाता है। जिन लोगों को पेट की परेशानियां, जैसे अपच, कब्ज, गैस बीमारियां घेरे रहती हैं, उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, छाछ का उपयोग करने से आंतों की गर्मी दूर हो जाती है।
दही का नियमित सेवन शरीर के लिए अमृत के समान माना गया है। यह खून की कमी और कमजोरी दूर करता है। दूध जब दही का रूप ले लेता है। तब उसकी शर्करा अम्ल में बदल जाती है। इससे पाचन में मदद मिलती है। जिन लोगों को भूख कम लगती है। उन लोगों को दही बहुत फायदा करता है।
भारत में ढेर सरे वयंजन बनाने में प्रयुक्त किया जाता है जैसे कबाब, आलू टिकिया, पकोडे, गट्टा कड़ी और ना जाने कितने वयंजन बनाए जाते है।  इनके अलावा दही से राबड़ी, छाछ (बटर मिल्क), लस्सी आदि हेल्ती ड्रिंक्स भी तैयार किए जाते हैं।  भारत में अधिकतर लोग दही के बिना अपना खाना भी नही खाते।
दही में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह हड्डियों के विकास में सहायक होता है। साथ ही, दांतों और नाखूनों को भी मजबूत बनाता है। इससे मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने में मदद मिलती है।
बालों को सुंदर और आकर्षक बनाए रखने के लिए दही या छाछ से बालों को धोने से फायदा होता है। इसके लिए नहाने से पहले बालों में दही से अच्छी मालिश करनी चाहिए।कुछ समय बाद बालों को धो लेने से बालों की खुश्की या रूसी खत्म हो जाती है।

इसके अलावा भी दही के कई सारे फायदे है।

रोजाना दही खाने से इम्यून सिस्टम स्वस्थ और स्ट्रॉंग बनता है।
 नियमित दही खाते हैं उनके शुगर लेवल कंट्रोल में रहते हैं।
दही शरीर पर लगाकर नहाने से त्वचा कोमल और खूबसूरत बन जाती है। इसमें नींबू का रस मिलाकर चेहरे, गर्दन, कोहनी, एड़ी और हाथों पर लगाने से शरीर निखर जाता है। दही की लस्सी में शहद मिलाकर पीने से सुंदरता बढ़ने लगती है।
जो लोग नियमित रूप से दही कहते है, उसे ब्लड सुगर लेवल को काफी हद तक कंट्रोल करता है।
जो लोग नियमित दही का सेवन करते हैं वो लंबे समय तक जीते हैं।दही एक सूपर फ़ूड है जो की आपके इम्यून सिस्टम के अलावा आपकी बॉडी के लगभग हर फंक्शन को सुचारू रूप से चलने में  मदद करता है जिससे आप बिमारियों से बचे रहते हैं और आपकी उम्र भी लंबी हो जाती है।
दही की मलाई को मुंह के छालों पर दिन में दो-तीन बार लगाने से छाले दूर हो जाते हैं। दही और शहद को समान मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से भी मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
दही की छाछ या लस्सी बनाकर पीने से पेट की गर्मी शांत हो जाती है। पेट में गड़बड़ होने पर दही के साथ ईसबगोल की भूसी लेने या चावल में दही मिलाकर खाने से दस्त बंद हो जाते हैं। पेट के अन्य रोगों में दही को सेंधा नमक के साथ लेना फायदेमंद होता है।
रात में नींद न आने की परेशानी से निपटने के लिए दही और छाछ का सेवन फायदेमंद होता है।
हींग का छौंक लगाकर दही खाने से जोड़ों के दर्द में लाभ मिलता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी है।
दुबले-पतले व्यक्तियों को अगर दही में किशमिश, बादाम या छुहारा मिलाकर दिया जाए तो वजन बढ़ने लगता है, जबकि दही के सेवन से शरीर की फालतू चर्बी को भी हटाया जा सकता है।
दही और बेसन के मिश्रण से मालिश करें। कुछ देर बाद नहा लें। पसीने की दुर्गंध दूर हो जाएगी।
दही को सूपर फ़ूड भी कहा जाता है और इसके स्वस्थ लाभ के कारण पूरी दुनिया के लोग इसे बहुत चाव से खाते हैं| दही में पाचन को अच्छा करने वाले गुड बॅक्टीरिया तो पाए ही जाते हैं साथ ही इसमे उच्च क्वालिटी का प्रोटीन पाया जाता है।  इसलिए ये वजन कम करने में भी मदद करता है। तो देर किस बात की दोस्तों अगर आप दही नहीं कहते है तो अभी से खाना प्रारंभ कर दीजिये।

Thursday, July 27, 2017

अदरक का प्रयोग जो आप को चौकादेंगे।

अदरक का प्रयोग जो आप को चौकादेंगे। 
अदरक का प्रयोग सबसे ज्यादा औषधीया बनाने में किया जाता है। जितने भी मसाले उगाए जाते है उन सभी में से अदरक सुब से ज्यादा लाभदायक होता है। ये 100 से ज्यादा बीमारियों में काम आता है। आधे से अधिक पारंपरिक हर्बल औषधियों में इसे शामिल किया जाता है।
यह सबसे ज्यादा उपजाए जाने वाला मसाला है। ऐतिहासिक अभिलेखों से भी पहले से भारत और चीन में अदरक को एक मसाले और औषधि के रूप में उपजाया और इस्तेमाल किया जाता था।
चौथी शताब्दी ईसापूर्व के चीनी ग्रंथों में अदरक को पेट की समस्याओं, मतली, दस्त, हैजा, दांतदर्द, रक्तस्राव और गठिया के उपचार के लिए एक औषधि के रूप में बताया गया है। चीन के जड़ी-बूटी विशेषज्ञ इस बूटी का इस्तेमाल सर्दी-खांसी सहित तमाम श्वास संबंधी बीमारियों के उपचार में भी करते हैं। पांचवीं सदी में चीनी नाविक लंबी समुद्री यात्राओं में स्कर्वी के इलाज के लिए अदरक में मौजूद विटामिन सी तत्वों का इस्तेमाल करते थे।
ऑस्ट्रेलिया में सिडनी यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में अदरक को टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए असरदार पाया गया। अदरक के तत्व इंसुलिन के प्रयोग के बिना ग्लूकोज को स्नायु कोशिकाओं तक पहुंचाने की प्रक्रिया बढ़ा सकते हैं। इस तरह इससे उच्च रक्त शर्करा स्तर (हाई सुगर लेवल) को काबू में करने में मदद मिल सकती है।

आइए हम जानते है इसके गुणों के बारे में :-
अदरक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है जिससे यह सर्दी-खांसी तथा फ्लू का जाना-माना उपचार है। ऊपरी श्वास मार्ग के संक्रमण में आराम पहुंचाने के कारण यह खांसी, खराब गले और ब्रोंकाइटिस में भी काफी असरकारी होती है।
अदरक खून पतला करने वाली दवाओं सहित बाकी दवाओं के साथ परस्पर प्रभाव कर सकती है।
अदरक के ज्यूस में सूजन को कम करने की शक्ति अत्यधिक मात्रा में होती है और यह उन लोगों के लिए वरदान की तरह है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन से परेशान हैं।
अदरक को स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलोन कैंसर के इलाज में भी बहुत लाभदायक पाया गया है।
अदरक के इस्तेमाल के दूसरे फायदे ये हैं कि उसे कैप्सूल के रूप में दिया जाना आसान है, इसके बहुत कम दुष्प्रभाव होते हैं और यह पारंपरिक दवाओं का सस्ता विकल्प है।
अदरक मधुमेह में लाभदायक साबित हुआ है।
अदरक सालों से हृदय रोगों के उपचार में इस्तेमाल होती रही है। चीनी चिकित्सा में कहा जाता है कि अदरक के उपचारात्मक गुण हृदय को मजबूत बनाते हैं। हृदय रोगों से बचाव और उसके उपचार में अक्सर अदरक के तेल का प्रयोग किया जाता था।
सबसे अच्छी बात यह है कि अदरक में सक्रिय पदार्थ होते हैं, जो आसानी से शरीर द्वारा सोख लिए जाते हैं इसलिए आपको उसका फायदा उठाने के लिए उसे ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती।
अदरक जोड़ों के दर्द और आर्थराइटिस में राहत देती है।
अदरक सर्दी-खांसी में भी इसका काफी महत्पूर्ण स्थान है।
अदरक मोशन सिकनेस को कम करती है।

इस बात को हमेशा ध्यान रखे :-
दो साल से कम उम्र के बच्चों को अदरक नहीं दी जानी चाहिए।
आम तौर पर, वयस्कों को एक दिन में 4 ग्राम से ज्यादा अदरक नहीं लेनी चाहिए। इसमें खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाने वाला अदरक शामिल है।
गर्भवती स्त्रियों को 1 ग्राम रोजाना से अधिक नहीं लेना चाहिए।
अत्यधिक सूजन को कम करने के लिए आप रोजाना प्रभावित क्षेत्र पर कुछ बार अदरक के तेल से मालिश कर सकते हैं।
किसी विशेष समस्या के लिए अदरक की खुराक की जानकारी और संभावित दुष्प्रभावों के लिए हमेशा डॉक्टर से संपर्क अवस्य करे।

हरी सब्जी के फायदे।

हरी सब्जी के फायदे। 
हरी सब्जी में कई ऐसे गुण होते हैं जो शरीर को बिना नुकसान पहुँचाए उसे स्वस्थ बनाए रखते हैं। हर प्रकार के रोगों को दूर करने में भी हरी सब्जी का महत्वपूर्ण सहयोग होता है। ज्यादा तर हरी सब्जियों खाने के लिए डॉक्टर भी सलाह देते रहते है। कई लोगों को लगता है कि हरी सब्जी से ज्यादा पौष्टिक, मीट  में होती है लेकिन ऐसा नहीं है। इसमें जो गुण होते हैं वो शरीर में वसा व कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते नहीं है और न ही इन्हें पचाने में शरीर को काफी मुश्किल उठानी पड़ती है।
अगर आप हरी सब्जियों का सेवन कच्चे या फिर जूस के रूप में करते है, तो यह पके हुए सब्जियों के मुकाबले ज्यादा प्रभाशाली होता है।
 आइए हम जानते हैं हरी सब्जियों के सेवन के फायदे के बारे में :-
हरी सब्जियाँ शरीर में रक्त की कमी होने पर पालक जैसी हरी सब्जी बहुत फायदा करती है। इससे शरीर में आयरन बढ़ता है, और भरपूर मात्रा में रक्त बनता है। साथ ही सब्जियों में मैग्नीशियम होता है जिससे रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। हरी सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा काफी भरपूर होती है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। साथ ही इनमें जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं।
एक उम्र से पहले ही मोतियाबिंद की समस्या कई लोगों में हो जाती है लेकिन अगर आप नियमित रूप से हरी सब्जियों का सेवन करते आ रहे हैं तो इस बीमारी से दो-चार में उम्र निकल जाएगी। हरी सब्जियों में विटामिन सी होता है जिससे आंखों में मोतियाबिंद की समस्या नहीं होती है। स्प्राउट भी इस मामले में काफी फायदेमंद होता है।
हरी सब्जियों में बहुत सारे गुण होते हैं जो शरीर को काफी मजबूत बना देते हैं। इसमें विटामिन सी भी होता है जो शरीर को कैंसर जैसी घातक बीमारी होने से भी लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
सब्जियों के सेवन से शरीर में चर्बी नहीं बढ़ती है और शरीर, स्वस्थ भी रहता है।
जिन महिलाओं ने बीन्स का सेवन किया, वो मांस खाने वाली महिलाओं से कहीं ज्यादा स्वस्थ होती है, और उनमें रोगों व कैंसर होने का खतरा भी 33 प्रतिशत कम होता है।
हरी सब्जियों के सेवन करने से शरीर में विटामिन ए, कैल्शियम व आयरन की मात्रा काफी अच्छी हो जाती है। इससे शरीर में फैट नहीं बढ़ता है और ब्लड़ लिपिड लेवल भी मेंटेंन रहता है। कोरिया, जापान और हवाई में इसे स्नैक के तौर पर खाया जाता है।
जिन लोगों को हाई ब्लडप्रेशर की समस्या रहती है, वो हरी सब्जियों का सेवन नियमित रूप से करें। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।
हरी सब्जिया में बिटामिन A पाई जाती है, जो हमें आँखो की रोशनी को कम नहीं होने देता है।
और यह मोतियाबिन जैसे बीमारियों को भी दूर करने में मदद करता है।


इस चीज़ को स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद क्यू माना जाता है।

दाल :- दाल कई प्रकार के होते है, जैसे  मसूर की दाल, राहर की दाल, मूंग की दाल,चने की दाल इत्यादि। हर दाल के अलग-अलग पौष्टिक गुण होते हैं। हालांकि तमाम दालों के बीच मूंग की दाल को स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। सबसे ज़बरदस्त बात इस दाल की यह है कि इसमें कैलॉरी  की मात्र बहुत कम होती है और न्यूट्रिशन की मात्र बहुत ज्यादा।  वैसे दाल में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है।  यही वजह है कि बढ़ रहे बच्चों को दाल का अधिक से अधिक सेवन करने की सलाह दी जाती है।  
अगर हम मुंग की दाल की बात करे तो, यह स्वाद में थोरी फीकी होती है। मगर मूंग की दाल को तरीके से बनाया जाए तो यह भी किसी भी अन्य दाल की ही तरह स्वादिष्ट लगती है। परन्तु मुंग की दाल पचने में समय नहीं लेती, यह अन्य दालों के मुकाबले जल्दी पच जाती है, इसलिए इसे रोगियों के भोजन के तौर पर प्रयोग किया जाता है 
आमतौर पर इसे  देखा जाता है क्योंकि ये बहुत जल्दी पच जाती है। 
 किसी भी दाल को आप हर तरीके से बना सकते हैं जैसे सब्जियों के साथ मिला कर, सलाद में डाल कर, या साधारण दाल के जैसे भी बना सकते हैं।
मूंग की दाल से कई चीजें बनती हैं. कुछ लोग इससे पापड़ बनाते हैं, कुछ बड़ियां तो कुछ लोग इसका लड्डू खाना पसंद करते हैं।  पर मूंग दाल का हलवा भारतीय व्यजंनों का एक प्रमुख हिस्सा है।  मूंग दाल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह सुपाच्य होती है और ठंडक प्रदान करती है। 

आइये हम जानते है मूंग दाल के फायदे के बारे में :-
अगर आप मूंग दाल की खिचड़ी खाते है,तो ये कब्ज की समस्या को दूर करता है। 
अगर आप मूंग को हल्का गर्म करके पीस ले, तथा पिसे हुए  पाउडर में कुछ मात्रा पानी मिलाकर लेप की तरह पूरे शरीर पर मसाज करें अगर आपको बहुत अधिक पसीना आने की शिकायत है तो इस लेप से वह दूर हो जाएगी। 
टायफाइड होने पर इसके सेवन से रोगी को बहुत राहत मिलती है लेकिन सादी मूंग की दाल का सेवन फायदेमंद साबित होता है। 
अगर आपको दाद, खाज-खुजली की समस्या है तो मूंग की दाल को छिलके सहित पीस लें. इस लेप को प्रभावित जगह पर लगाने से फायदा होगा। 
किसी भी बीमारी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है, उस समय आप  मूंग की दाल खाये तो आपकी शरीर को ताकत मिलती है, जिससे आप को कभी भी कमजोरी महसूस नहीं होगा।  
Studies से पता चला है कि मसूर की दाल खाने से ह्रदय से जुड़े रोगों से आपको दूर रह सकते हैं। 
अगर हम बात करे मसूर की दाल की तो ये भी किसी दाल से कम नहीं है। मसूर के दाल खाने से भी कई लाभ होते है। सबसे पहली बात तो ययह की ये बहुत ही आसानी से पक जाता है और हर किराने के दुकान में उपलब्ध होता है। आज हम जानेंगे की मसूर की दाल से हमारे शरीर को किस प्रकार के फायदे होते हैं और यह एक औषधि के रूप में किस प्रकार रोग दूर करता है।
आइये जानते है मसूर के दाल के फायदे के बारे में :-
मसूर की दाल खाने से खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्र कम होना देखा गया है जो शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है। इनमें सॉल्युबल फाइवर  की बहुत ज्यादा मात्र होती है जिससे यह कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही मैग्निसियम की मदद से ऑक्सीजन और नुट्रिएंट्स की मात्रा भी शरीर को अच्छी मात्र मिलती है। शरीर में  मैग्निसियम की कमी के कारण हृदय में कमजोरी आती है जो मसूर की दाल से यह कमी पूरी हो सकती है।
सभी फलियों और बादाम में सबसे अच्छा प्रोटीन स्रोत में तीसरे नंबर पर मसूर की दाल का स्थान है। इसमें 
लगभग 26 प्रतिशत प्रोटीन की मात्र होती है।
जैसे की हम पहले बता चुके हैं मसूर की दाल में फाइवर की मात्र ज्यादा होने के कारण यह अच्छे से इनर्जी को धीरे-धीर बर्न करता है। धीरे से हज़म करने के कारण शरीर आयरन की मात्र ज्यादा प्रदान करता है जिससे शरीर को ताकत मिलती है।
अगर हम मसूर के दाल के पत्तों का काढ़ा बना कर गरारा करने से गले का सुजन कम हो जाता है और दर्द भी कम जाता है। यह भी कहा जाता है की इससे आंत सम्बन्धी की समस्याए भी दूर हो जाती है।
मसूर की दाल में घी और दूध मिला कर 7 दिन तक चेहरे पर लगाने से झुरियां ख़तम हो जाती हैं।
बरगद के पेड़ की नर्म पत्तियों को मसूर की दाल के साथ मिला कर पीस लें और उसका लेप लगाने से चहरे के दाग-धब्बे मिट जाते हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है की मसूर की दाल का भस्म बना कर उसमें दूध मिलाकर घाव या चोट पर लागने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
इसके अलाबा भी दाल के कई सरे फायदे है, तो देर किस बात की दोस्तों अगर आप दाल नहीं खाते है, तो आज से आप दाल खाना स्टार्ट कर दीजिए। 

गन्ने के रस के बेमिशाल फायदे।

गन्ने के रस के बेमिशाल फायदे। 
 गन्ने का रस 100 प्रतिशत नैचुरल ड्रिंक है जिसमें कुछ भी एड करने की जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए अन्य जूस की तुलना में इसके फायदे भी ज्यादा होते हैं। हालांकि गन्ने के रस के साथ हाइजीनिक प्रॉब्लम भी जुड़ी होती हैं। इसलिए इसे पीते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, अन्यथा यह फायदे के बजाय ज्यादा नुकसान कर सकता है।
गन्ने का रस पिने के तरीके एवं फायदे :-
गन्ने का रस पिने से हमारे शरीर का कोलोस्ट्रॉल लेवल कम होता है।  और यह हमें हार्ट की बीमारियों से बचता है।  इसमें कैल्सियम की मात्रा अधिक होती है, जो हमारे हड्डियों को मजबूत बनता है। 
गन्ने  के  रस में ग्लूकोच की मात्रा होती है जो हमारे शरीर के इनर्जी लेवल को बढ़ता है, तथा हमारे शरीर के कमजोरियों को दूर करके हमें चुष्त एवं फुर्तीला बनता है। 
इसमें एंटीऑक्ससिडेंट होती है जो हमें सर्दी जुकाम आदि जैसे रोगो से बचने में मदद करती है। 
गन्ने के रस में फॉस्फोरस की मात्रा होती है जो हमारे दाँतो को मजबूत बनता है तथा दांतो के मसूड़ों की तकलीफो से बचने में मदद करता है। तथा इसमें मैग्निसियम की भी मात्रा पाई जाती है, जो हमारे शरीर की दर्द से राहत दिलाता है।  
इसे पिटे समय रखे सावधानियाँ :-
अगर आप गन्ने का रस पीते समय चुटकी भर नमक मिलते है तो यह आप  गले की खराश को दूर करता है। 
अगर आप गन्ने का  मार्किट से लेकर पीते है, तो उसमे  बर्फ न डलवाइये क्युकि अगर बर्फ गंदे पानी से बना होगा तो यह आपके गले को ख़राब कर सकता है। 
गन्ने का रस हमेंशा ताजा ही पिए क्युकी देर तक रखे हुए गन्ने के रस में टॉक्सिन्स पैदा हो जाता है, जिससे इनडाइजेशन हो सकता है। 
गन्ने के रूस में शुगर की मात्रा जयादा होती है तथा ब्लड शुगर लेबल बढ़ता है इसलिए डाइबिटीज के मरीज को गन्ने का रूस नहीं पीना चाहिए। 

Wednesday, July 26, 2017

लहसुन के फायदे सुनकर रह जाएंगे दंग।

लहसुन बहुत ही उपयोगी होती है। लहसुन का प्रयोग हम  खाने में खाना का स्वाद बढाने में करते है। लेकिन  क्या आप जानते है कि
लहसुन के फायदे सुनकर रह जाएंगे दंग। 
 लहसुन हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाता है।ये आपके खाने का स्वाद ही नहीं बढाता है बल्कि आपके सेहत का भी ख्याल रखता है।
अगर आप इसकी एक कली का सेवन खाली पेट करते है तो यह हमारे 
शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद करता है।आयुर्वेद में लहसुन के लिए कहा जाता है कि इसके सेवन से आप जवान 
बने रहेगे। साथ ही यह कई बीमारियों से जैसे कि बवासीर, कब्ज, कान का दर्द, ब्लड प्रेशर, भूख बढाने आदि में काम आता है। 
लहसुन एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह काम करता है।
लहसुन से होने वाले बेमिशाल फायदे :-
लहसुन और शहद के मिश्रण को खाने से दिल तक जाने वाली धमनियों में जमी वसा निकल जाती हैजिससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरह दिल तक 
पहुंचता है। तथा इसके मिश्रण को खाने से सर्दी-जुखाम के साथ ही
साइनस की तकलीफ भी काफी कम हो जाती हैयह मिश्रण शरीर की 
गर्मी बढ़ाता है और बीमारियों को दूर रखता है। 
लहसुन और शहद के इस घोल से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और 
इस वजह से शरीर मौसम की मार से बचा रहता है। 
अगर किसी को या फिर बच्चों को बार-बार डायरिया हो जाता है तो
 उन्हें ये मिश्रण खिलाएंइससे उनका पाचन तंत्र दुरुस् होने के साथ ही
 पेट का संक्रमण भी खत् हो जाएगा। 
अगर आपके दांतो में दर्द हो रहा हो तो लहसुन की एक कली काफी 
फायदेमंद साबित हो सकती है। इसमें एन्टीबैक्टिरीअल और दर्दनिवारक गुण दांत के दर्द से राहत दिलाता है। इसके लिए इसका एक कली पीसकर दांत के दर्द के जगह पर लगा दें।
इसका सेवन करने से  केवल ब्लड सर्कुलेशन को नियमित करता है
बल्कि दिल से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है।
लहसुन पेट संबंधी समस्याओं के लिए काफी फायदेमंद है। साथ ही इसका सेवन करने से आपके पेट में मौजूद विषाक्त पदार्थों को 
साफ कर देता है। तथा नसों में हो रही झनझनाहट को करें कम
शोध से ये बात सामने आई कि खाली पेट लहसुन का सवन करने से नसों में झनझनाहट की समस्या दूर हो जाती है।
अगर आप लहसुन का सेवन खाली  पेट करेंगे तो  इससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
अगर आपको भूख कम लगती हो तो लहसुन का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
 यह आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक करता है जिससे आपकी भूख भी बढ़ा जाती है।


कभी कभी आपके पेट में एसिड बनने लगता हैलेकिन इसका सेवन करने से यह पेट में एसिड बनने से रोकता है। जिससे आपको तनाव से भी राहत मिलता है।
लहसुन आपकी श्वसन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद है। इस का सेवन करने से अस्थमानिमोनियाज़ुकाम
धमनी कभी-कभी अपना लचीलापन खो देते हैं तब लहसुन उसको लचीला 
बनाने में बहुत मदद करता है।
फ्री ऑक्सिजन रैडिकल्स से हृदय की रक्षा करने में भी मदद करते हैं। सल्फर यौगिक रक्त-कोशिकाओं को बंद होने से बचाता है। तो देर किस बात की दोस्तों आज से ही लहसुन खाना स्टार्ट कर दीजिए। 

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