लस्सी के गुण देखकर रह जाएँगे दंग। |
लस्सी पीना आम बात है। पारंपरिक रूप से लस्सी को सिर्फ भोजन के बाद पीया जाता था, लेकिन अब यह
गर्मियों के दौरान गर्म धूप का मुकाबला करने के लिए दिन के किसी भी समय पीया जा सकती है। लस्सी का स्वाद ही कुछ ऐसा होता है, इसके नाम सुनकर ही सबके मुंह में पानी आ जाता है।
यह दही और पानी के साथ जीरा, काला नमक, काली मिर्च, हरा धनिया, हरी मिर्च, हींग और पुदीना जैसे मसालों को डालकर बनाई जाती है। लस्सी एक अच्छा पेय है और इसके कई अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ भी है। घर पर बनी ताज़ा लस्सी ही अच्छी होती है स्टोर से लायी हुई लस्सी पचा पाना मुश्किल होता है और वो हेल्थी भी नहीं होती है।
गर्मी में लस्सी पीना किसे अच्छा नहीं लगता है। लेकिन बिना समझे-बुझे लस्सी न पिये। पहले ये जान लें कि इसको पीने से क्या लाभ होता है और लस्सी कब और किनको नहीं पीनी चाहिए !
तो आइये हम जानते है, हमें लस्सी कब कैसे और किसको पीना चाहिए और इसके पीने से क्या लाभ होता है।
गर्मियों में बहुत उच्च तापमान के दौरान लस्सी एक अच्छा पेय है जो शरीर की गर्मी को कम करता है, और गर्मी
को कम रखने के लिए और शरीर को राहत प्रदान करने में मदद मिलती है।
लस्सी में भुना जीरा, काली मिर्च और काला नमक डालकर पीने से पाचन शक्ति बढ़ती है,और इसको पीने से
पाचन समस्याओं से तत्काल राहत मिलती है।
डाइबीटिज़ के मरीज़ को भूलकर भी लस्सी पिना चहिए हीं पीना बशर्ते कि उसमें चीनी न डाला हुआ हो। वज़न कम करने वाले भी बिना चीनी वाला लस्सी ही पियें तो अच्छा है। लेकिन लस्सी कभी भी रात को न पियें ।
लस्सी पीने से हमारे शरीर में लगभग 30,000 बैक्टेरिया बनते है जो पाचन में मदद करते है और हानिकारक वायरस को मारते है । लस्सी प्रोटीन बी कॉम्प्लेक्स, फोलिक एसिड,कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, राइबोफ्लेविनऔर कैल्शियम का एक बढ़िया स्रोत है, इसमें नाम मात्र का फास्फोरस भी होता है।
लस्सी में लैक्टिक एसिड और विटामिन डी होता है जो बैक्टीरिया और हानिकारक पथोगन्स जो विभिन्न बाहरी भोजन के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते है उनसे लड़ने के लिए मदद करता है. लस्सी में अमीनो और फैटी एसिड तनाव और एनीमिया से बचाते है
एसिडिटी के लिए लस्सी एकदम सही है। लस्सी का एंटी एसिडिटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, भोजन में मसाले से होने वाली जलन और पेट की सूजन को कम करने में लस्सी मदद करती है । यह पेट में एसिड और होने वाली जलन से छुटकारा पाने में मदद करती है । छाछ में करी पत्ता, काली मिर्च और जीरा डालकर पीने से किसी भी तरह की पेट की जलन से छुटकारा मिलता है।
लस्सी एक प्राकृतिक एंटी एजिंग के रूप में कार्य करता है। लस्सी में लैक्टिक एसिड की एक अच्छी मात्रा होती
है, और कॉस्मेटिक बिज़नेस द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाती है। यह एक अद्भुत चेहरे का मुखौटा है
जो चेहरे पर चमक लाता है। ये युवाओं की त्वचा को नरम बनाता है. इसके अलावा लस्सी में लैक्टिक एसिड
शरीर से टॉक्सिन्स निकालता है।
लस्सी बालों के लिए कंडीशनर के रूप में कार्य करता है और बालो को नरम बनाता है. लस्सी में विटामिन बी 12 बालों के नुकसान को रोकने और बालों को सफ़ेद होने से रोकने में बहुत प्रभावी है।
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