पपीता से होने वाले फायदे |
पपीता में विटामिन ए, पोटैशियम, एवं कैल्शियम पाया जाता है। पपीता ही एक ऐसा फल है, जो बहुत सरीबीमारियों को दूर करता है। खास कर पका हुआ पपीता हमे और भी जयादा फायदा पहुँचता है। मांसाहार करने वालों हमेशा पपीता खाना चाहिए। क्योकि पपीता खाये गए भोजन को पचने में मदद करता है। इसलिए इसका सेवन वो लोग भी कर सकते हैं, जिनकी पाचन शक्ति कमजोर है।
पपीते हमारे शरीर से दाद, खाज, खुजली को भी दूर करने में मदद करता है,तथा इसका सेवन नियमित रूप से करने से हाई ब्लडपेशर को कण्ट्रोल किया जा सकता है।
पपीता हमें शरीर की ऊर्जा स्तर को बढ़ा देता है, जिसके कारण हम लम्बे समय तक बिना थके हुए कोई भीकाम कर सकते है, तथा हमे सर्दी, खांसी, जुकाम आदि बीमारियाँ से छुटकारा दिलाता है। यदि आप को कही कट जाता है, या सूजन है, या जल जाता है,तो आपको इस प्रभावित स्थान पर पपीता लगाने से आराम मिलेगा।अगर हम नियमित रूप से पपीता खाने से झुर्रियाँ पड़ना, बालों का झड़ना, बवासीर, चर्मरोग,जैसी समस्याएँ खत्म हो जाती हैलंबी उम्र पाने और लंबे समय तक जवान रहने के लिए पपीता खाना फायदेमंद है।
यदि आप के पेट में कीड़े हो गए हों, तो पपीता का बीज और उसका छिलका कीड़ों को खत्म करने में मदद करता है।
पपीता दिल के मरीज वाले लोग और सुगर के मरीजो वाले लोगो के लिए काफी फायदेमंद होता है, तथा इसका सेवन नियमित रूप से करने से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है
पपीते में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी को कम नहीं होने देता। अधिकतर बढ़ती उम्र में आंखों की रोशनी कम हो जाती है।पपीता अपने आहार में शामिल करने से इस मुसीबत से बचा जा सकता है।
हृदय रोगों का मूल कारण कॉलेस्ट्रोल होता है। हृदय की रक्त शिराओं में जब कॉलेस्ट्रोल जमा हो जाता है तो हृदय से संबंधित बीमारियां शुरू हो जाती हैं। पपीते में फाइबर, विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो रक्त शिराओं में कॉलेस्ट्रोल को जमने नहीं देता है । जिसके कारण हृदय संबंधी रोगों की समस्याए दूर हो जाती है।
आज के दौर में अधिक लोग फास्ट फूड खाना पसंद करते हैं। इस प्रकार का भोजन हमारे पाचन तंत्र को बिगड़ देते है। फ़ास्ट फ़ूड हानिकारक है पता होने पर भी लोग इसका सेवन नियमित रूप से करते हैं। पपीते में कई प्रकार के पाचक एंजाइम्स होते हैं। साथ ही इसमें कई डाइट्री फाइबर्स भी होते हैं जिसके वजह से पाचन क्रिया सही रहती है और व्यक्ति कब्ज से परेशान नहीं रहता। साथ ही रोजाना पपीते का सेवन कभी-कभी फास्ट फूड के सेवन से होने वाले विपरीत प्रभावों से भी हमें दूर रखता है।
पपीता एक ऐसा फल है जिसे केवल गर्भावस्था के दौरान सेवन नहीं करना चाहिए,
लेकिन यही फल बच्चे के जन्म के पश्चात् मां के दूध में वृद्धि करने में सहायक होता है। डॉक्टर भी बच्चे के जन्म के बाद इस फल को खाने के लिए सुझाव देते हैं।
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