दाल :- दाल कई प्रकार के होते है, जैसे मसूर की दाल, राहर की दाल, मूंग की दाल,चने की दाल इत्यादि। हर दाल के अलग-अलग पौष्टिक गुण होते हैं। हालांकि तमाम दालों के बीच मूंग की दाल को स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। सबसे ज़बरदस्त बात इस दाल की यह है कि इसमें कैलॉरी की मात्र बहुत कम होती है और न्यूट्रिशन की मात्र बहुत ज्यादा। वैसे दाल में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। यही वजह है कि बढ़ रहे बच्चों को दाल का अधिक से अधिक सेवन करने की सलाह दी जाती है।
अगर हम मुंग की दाल की बात करे तो, यह स्वाद में थोरी फीकी होती है। मगर मूंग की दाल को तरीके से बनाया जाए तो यह भी किसी भी अन्य दाल की ही तरह स्वादिष्ट लगती है। परन्तु मुंग की दाल पचने में समय नहीं लेती, यह अन्य दालों के मुकाबले जल्दी पच जाती है, इसलिए इसे रोगियों के भोजन के तौर पर प्रयोग किया जाता है
आमतौर पर इसे देखा जाता है क्योंकि ये बहुत जल्दी पच जाती है।
किसी भी दाल को आप हर तरीके से बना सकते हैं जैसे सब्जियों के साथ मिला कर, सलाद में डाल कर, या साधारण दाल के जैसे भी बना सकते हैं।
मूंग की दाल से कई चीजें बनती हैं. कुछ लोग इससे पापड़ बनाते हैं, कुछ बड़ियां तो कुछ लोग इसका लड्डू खाना पसंद करते हैं। पर मूंग दाल का हलवा भारतीय व्यजंनों का एक प्रमुख हिस्सा है। मूंग दाल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह सुपाच्य होती है और ठंडक प्रदान करती है।
आइये हम जानते है मूंग दाल के फायदे के बारे में :-
अगर आप मूंग दाल की खिचड़ी खाते है,तो ये कब्ज की समस्या को दूर करता है।
अगर आप मूंग को हल्का गर्म करके पीस ले, तथा पिसे हुए पाउडर में कुछ मात्रा पानी मिलाकर लेप की तरह पूरे शरीर पर मसाज करें अगर आपको बहुत अधिक पसीना आने की शिकायत है तो इस लेप से वह दूर हो जाएगी।
टायफाइड होने पर इसके सेवन से रोगी को बहुत राहत मिलती है लेकिन सादी मूंग की दाल का सेवन फायदेमंद साबित होता है।
अगर आपको दाद, खाज-खुजली की समस्या है तो मूंग की दाल को छिलके सहित पीस लें. इस लेप को प्रभावित जगह पर लगाने से फायदा होगा।
किसी भी बीमारी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है, उस समय आप मूंग की दाल खाये तो आपकी शरीर को ताकत मिलती है, जिससे आप को कभी भी कमजोरी महसूस नहीं होगा।
Studies से पता चला है कि मसूर की दाल खाने से ह्रदय से जुड़े रोगों से आपको दूर रह सकते हैं।
अगर हम बात करे मसूर की दाल की तो ये भी किसी दाल से कम नहीं है। मसूर के दाल खाने से भी कई लाभ होते है। सबसे पहली बात तो ययह की ये बहुत ही आसानी से पक जाता है और हर किराने के दुकान में उपलब्ध होता है। आज हम जानेंगे की मसूर की दाल से हमारे शरीर को किस प्रकार के फायदे होते हैं और यह एक औषधि के रूप में किस प्रकार रोग दूर करता है।
आइये जानते है मसूर के दाल के फायदे के बारे में :-
मसूर की दाल खाने से खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्र कम होना देखा गया है जो शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है। इनमें सॉल्युबल फाइवर की बहुत ज्यादा मात्र होती है जिससे यह कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही मैग्निसियम की मदद से ऑक्सीजन और नुट्रिएंट्स की मात्रा भी शरीर को अच्छी मात्र मिलती है। शरीर में मैग्निसियम की कमी के कारण हृदय में कमजोरी आती है जो मसूर की दाल से यह कमी पूरी हो सकती है।
सभी फलियों और बादाम में सबसे अच्छा प्रोटीन स्रोत में तीसरे नंबर पर मसूर की दाल का स्थान है। इसमें
लगभग 26 प्रतिशत प्रोटीन की मात्र होती है।
जैसे की हम पहले बता चुके हैं मसूर की दाल में फाइवर की मात्र ज्यादा होने के कारण यह अच्छे से इनर्जी को धीरे-धीर बर्न करता है। धीरे से हज़म करने के कारण शरीर आयरन की मात्र ज्यादा प्रदान करता है जिससे शरीर को ताकत मिलती है।
अगर हम मसूर के दाल के पत्तों का काढ़ा बना कर गरारा करने से गले का सुजन कम हो जाता है और दर्द भी कम जाता है। यह भी कहा जाता है की इससे आंत सम्बन्धी की समस्याए भी दूर हो जाती है।
मसूर की दाल में घी और दूध मिला कर 7 दिन तक चेहरे पर लगाने से झुरियां ख़तम हो जाती हैं।
बरगद के पेड़ की नर्म पत्तियों को मसूर की दाल के साथ मिला कर पीस लें और उसका लेप लगाने से चहरे के दाग-धब्बे मिट जाते हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है की मसूर की दाल का भस्म बना कर उसमें दूध मिलाकर घाव या चोट पर लागने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
इसके अलाबा भी दाल के कई सरे फायदे है, तो देर किस बात की दोस्तों अगर आप दाल नहीं खाते है, तो आज से आप दाल खाना स्टार्ट कर दीजिए।
अगर हम मुंग की दाल की बात करे तो, यह स्वाद में थोरी फीकी होती है। मगर मूंग की दाल को तरीके से बनाया जाए तो यह भी किसी भी अन्य दाल की ही तरह स्वादिष्ट लगती है। परन्तु मुंग की दाल पचने में समय नहीं लेती, यह अन्य दालों के मुकाबले जल्दी पच जाती है, इसलिए इसे रोगियों के भोजन के तौर पर प्रयोग किया जाता है
आमतौर पर इसे देखा जाता है क्योंकि ये बहुत जल्दी पच जाती है।
किसी भी दाल को आप हर तरीके से बना सकते हैं जैसे सब्जियों के साथ मिला कर, सलाद में डाल कर, या साधारण दाल के जैसे भी बना सकते हैं।
मूंग की दाल से कई चीजें बनती हैं. कुछ लोग इससे पापड़ बनाते हैं, कुछ बड़ियां तो कुछ लोग इसका लड्डू खाना पसंद करते हैं। पर मूंग दाल का हलवा भारतीय व्यजंनों का एक प्रमुख हिस्सा है। मूंग दाल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह सुपाच्य होती है और ठंडक प्रदान करती है।
आइये हम जानते है मूंग दाल के फायदे के बारे में :-
अगर आप मूंग दाल की खिचड़ी खाते है,तो ये कब्ज की समस्या को दूर करता है।
अगर आप मूंग को हल्का गर्म करके पीस ले, तथा पिसे हुए पाउडर में कुछ मात्रा पानी मिलाकर लेप की तरह पूरे शरीर पर मसाज करें अगर आपको बहुत अधिक पसीना आने की शिकायत है तो इस लेप से वह दूर हो जाएगी।
टायफाइड होने पर इसके सेवन से रोगी को बहुत राहत मिलती है लेकिन सादी मूंग की दाल का सेवन फायदेमंद साबित होता है।
अगर आपको दाद, खाज-खुजली की समस्या है तो मूंग की दाल को छिलके सहित पीस लें. इस लेप को प्रभावित जगह पर लगाने से फायदा होगा।
किसी भी बीमारी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है, उस समय आप मूंग की दाल खाये तो आपकी शरीर को ताकत मिलती है, जिससे आप को कभी भी कमजोरी महसूस नहीं होगा।
Studies से पता चला है कि मसूर की दाल खाने से ह्रदय से जुड़े रोगों से आपको दूर रह सकते हैं।
अगर हम बात करे मसूर की दाल की तो ये भी किसी दाल से कम नहीं है। मसूर के दाल खाने से भी कई लाभ होते है। सबसे पहली बात तो ययह की ये बहुत ही आसानी से पक जाता है और हर किराने के दुकान में उपलब्ध होता है। आज हम जानेंगे की मसूर की दाल से हमारे शरीर को किस प्रकार के फायदे होते हैं और यह एक औषधि के रूप में किस प्रकार रोग दूर करता है।
आइये जानते है मसूर के दाल के फायदे के बारे में :-
मसूर की दाल खाने से खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्र कम होना देखा गया है जो शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है। इनमें सॉल्युबल फाइवर की बहुत ज्यादा मात्र होती है जिससे यह कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही मैग्निसियम की मदद से ऑक्सीजन और नुट्रिएंट्स की मात्रा भी शरीर को अच्छी मात्र मिलती है। शरीर में मैग्निसियम की कमी के कारण हृदय में कमजोरी आती है जो मसूर की दाल से यह कमी पूरी हो सकती है।
सभी फलियों और बादाम में सबसे अच्छा प्रोटीन स्रोत में तीसरे नंबर पर मसूर की दाल का स्थान है। इसमें
लगभग 26 प्रतिशत प्रोटीन की मात्र होती है।
जैसे की हम पहले बता चुके हैं मसूर की दाल में फाइवर की मात्र ज्यादा होने के कारण यह अच्छे से इनर्जी को धीरे-धीर बर्न करता है। धीरे से हज़म करने के कारण शरीर आयरन की मात्र ज्यादा प्रदान करता है जिससे शरीर को ताकत मिलती है।
अगर हम मसूर के दाल के पत्तों का काढ़ा बना कर गरारा करने से गले का सुजन कम हो जाता है और दर्द भी कम जाता है। यह भी कहा जाता है की इससे आंत सम्बन्धी की समस्याए भी दूर हो जाती है।
मसूर की दाल में घी और दूध मिला कर 7 दिन तक चेहरे पर लगाने से झुरियां ख़तम हो जाती हैं।
बरगद के पेड़ की नर्म पत्तियों को मसूर की दाल के साथ मिला कर पीस लें और उसका लेप लगाने से चहरे के दाग-धब्बे मिट जाते हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है की मसूर की दाल का भस्म बना कर उसमें दूध मिलाकर घाव या चोट पर लागने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
इसके अलाबा भी दाल के कई सरे फायदे है, तो देर किस बात की दोस्तों अगर आप दाल नहीं खाते है, तो आज से आप दाल खाना स्टार्ट कर दीजिए।
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